Best 150+ Top Jaun Elia Shayari in Hindi 2025
Jaun Elia Shayari in Hindi: क्या आपने कभी कोई ऐसी कविता पढ़ी है जो आपको ऐसा लगे कि यह सिर्फ़ आपके लिए लिखी गई है? जौन एलिया शायरी में वह जादू है। यह अपनी कच्ची भावनाओं और गहरे विचारों से आपके दिल को छू जाती है। जौन एलिया, एक महान उर्दू कवि, अपने दिल को छू लेने वाले शब्दों के लिए जाने जाते हैं जो प्यार, दर्द और जीवन के संघर्षों को दर्शाते हैं। उनकी शायरी हर किसी से बात करती है, चाहे आप प्यार में हों या टूटे हुए दिल को सह रहे हों।
इस लेख में, मैं, प्रिया राजेश, बताऊँगी कि जौन एलिया की कविताएँ इतनी खास क्यों हैं, उनकी जीवन कहानी और आप अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उनकी शायरी का उपयोग कैसे कर सकते हैं। आइए जौन एलिया की शायरी की दुनिया में गोता लगाएँ और साथ मिलकर इसकी खूबसूरती को महसूस करें।
चाहे वह जौन एलिया शायरी हिंदी हो, जौन एलिया सैड शायरी, जौन एलिया बेस्ट शायरी, जौन एलिया लव शायरी या दो लाइन वाली जौन एलिया शायरी, उनकी शायरी आपकी आत्मा से जुड़ती है। हर पंक्ति व्यक्तिगत लगती है, जैसे कोई दोस्त अपने गहरे विचार साझा कर रहा हो। इस लेख के अंत में, मैं आपको बताऊँगा कि मुझे जौन एलिया शायरी इतनी पसंद क्यों है और यह मुझे कैसे प्रेरित करती है। अब, आइए कुछ खूबसूरत जौन एलिया शायरी पढ़ें और इसका जादू महसूस करें।
Jaun Elia Shayari
गुमान है तेरे लौट आने का,
देख कितना बदगुमान हूँ मैं।
Gumaan hai tere laut aane ka,
Dekh kitna badgumaan hoon main.
हमको यारों ने याद भी न रखा,
जो यारों के यार थे हम तो।
Humko yaaron ne yaad bhi na rakha,
Jo yaaron ke yaar the hum to.
एक शख़्स कर रहा है अभी तक वफ़ा का ज़िक्र,
काश! कोई उस ज़बानदराज़ का मुँह नोच ले।
Ek shakhs kar raha hai abhi tak wafa ka zikr,
Kaash! koi us zabandaraaz ka munh noch le.
मैं लगातार बोलता ही रहता हूँ,
कितना ख़ामोश हूँ मैं अंदर से।
Main lagataar bolta hi rehta hoon,
Kitna khamosh hoon main andar se.
जो ज़िंदगी बची है उसे मत गंवाइए
बेहतर ये है कि आप मुझे भूल जाइए…!!!
Jo zindagi bachi hai use mat ganvaaiye
Behtar ye hai ki aap mujhe bhool jaaiye…!!!
दाद-ओ-तहसीन का ये शोर है क्यूँ,
हम तो ख़ुद से कलाम कर रहे हैं।
Daad-o-tahseen ka ye shor hai kyun,
Hum to khud se kalaam kar rahe hain.
Jaun Elia Shayari Hindi
क्या कहा, ख़्वाब में देखा है मुझे?
इसका मतलब… कि सो लिया तुम ने?
Kya kaha, khwaab mein dekha hai mujhe?
Iska matlab… ke so liya tum ne?
कौन सीखा है सिर्फ बातों से,
सबको एक हादसा ज़रूरी है।
Kaun seekha hai sirf baaton se,
Sabko ek haadsa zaroori hai.
मेरी तारीफ़ करे या मुझे बदनाम करे,
जिसे जो भी बात करनी है, सरेआम करे।
Meri tarif kare ya mujhe badnaam kare,
Jise jo bhi baat karni hai, saraam kare.
करके एक-दूसरे से अहद-ए-वफ़ा,
आओ… कुछ देर झूठ बोलें हम।
Karke ek-doosre se ahd-e-wafa,
Aao… kuch der jhooth bolein hum.
है वो बेचारगी का हाल कि हम,
हर किसी को सलाम कर रहे हैं।
Hai wo bechargi ka haal ki hum,
Har kisi ko salaam kar rahe hain.
बोलते क्यूँ नहीं मिरे हक़ में,
आबले पड़ गए ज़बान में क्या
Bolte kyun nahin mere haq mein,
Aable pad gaye zabaan mein kya.
एक ख़त जो तू ने कभी लिखा ही नहीं,
मैं रोज़ बैठ के उसका जवाब लिखता हूँ।
Ek khat jo tu ne kabhi likha hi nahin,
Main roz baith ke uska jawab likhta hoon.
तुम्हारा हिज्र मना लूं अगर इजाज़त हो,
मैं दिल किसी से लगा लूं अगर इजाज़त हो
Tumhara hijr mana loon agar ijazat ho,
Main dil kisi se laga loon agar ijazat ho.
Jaun Elia Sad Shayari
बात ये है कि लोग बदल गए हैं
ज़ुल्म ये है कि वो मानते भी नहीं।
Baat ye hai ki log badal gaye hain
Zulm ye hai ki wo maante bhi nahin.
क्या सितम है कि अब तेरी सूरत,
गौर करने पर याद आती है।
Kya sitam hai ke ab teri soorat,
Gaur karne pe yaad aati hai.
तेरे आने से, कुछ ज़रा पहले
बात तुझसे ही कर रहा था मैं।
Tere aane se, kuch zara pehle
Baat tujhse hi kar raha tha main.
सुने और सुनाए जाते थे हम,
रात भर की कहानियाँ थे हम।
Suny Aor Sunany Jaty The Ham
Rat Bhar Ki Kahanian Thy Ham
मैं भी बहुत अजीब हूँ, इतना अजीब हूँ कि बस,
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।
Main bhi bahut ajeeb hoon, itna ajeeb hoon ke bas,
Khud ko tabah kar liya aur malaal bhi nahin.
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते,
अब कोई शिकवा हम नहीं करते।
Dil ki takleef kam nahin karte,
Ab koi shikwa hum nahin karte
हमारी तन्हाई पे हँसते हैं लोग,
जैसे कोई मज़ाक बना लिया हो।
पर कौन समझे उस दिल को,
जिसने खुद को भुला दिया हो।
Hamari tanhaai pe hanste hain log,
Jaise koi mazaak bana liya ho.
Par kaun samjhe us dil ko,
Jisne khud ko bhula diya ho.
दिल कि आते हैं जिस को ध्यान बहुत,
ख़ुद भी आता है अपने ध्यान में क्या।
Dil ki aate hain jis ko dhyaan bahut,
Khud bhi aata hai apne dhyaan mein kya
Jaun Elia Best Shayari
ख़ूब है शौक़ का ये पहलू भी,
मैं भी बर्बाद हो गया, तू भी।
Khoob hai shauq ka yeh pehlu bhi,
Main bhi barbaad ho gaya, tu bhi.
बहुत भीड़ थी उनके दिल में,
ख़ुद न निकलते तो निकाल दिए जाते।
Bahut bheed thi unke dil mein,
Khud na nikalte to nikaal diye jaate.
कौन इस घर की देखभाल करे,
रोज़ एक चीज़ टूट जाती है।
Kaun is ghar ki dekhbhaal kare,
Roz ek cheez toot jaati hai.
बहुत नज़दीक आती जा रही हो,
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या?
Bahut nazdeek aati ja rahi ho,
Bichhadne ka iraada kar liya kya?
मेरे ग़ुस्से का असर क्या होगा…
मुझे ग़ुस्से में हँसी आती है।
Mere gusse ka asar kya hoga…
Mujhe gusse mein hansi aati hai.
हम वो हैं जो खुदा को भूल गए
तुम मेरी जान किस गुमान में हो।
Hum wo hain jo Khuda ko bhool gaye
Tum meri jaan kis gumaan mein ho.
अभी भी आदतों में शामिल है,
तेरी गली से हो के घर जाना।
Abhi bhi aadaton mein shamil hai,
Teri gali se ho ke ghar jana.
Jaun Elia Love Shayari
वो सिर्फ़ आंगन तक ही आती थी,
मैं भी कमरे से कम निकलता था।
Woh faqat sehan tak hi aati thi,
Main bhi hujre se kam nikalta tha
यारो, कुछ तो ज़िक्र करो तुम उसकी क़यामत बाहों का,
वो जो सिमटते होंगे उनमें — वो तो मर जाते होंगे।
Yaaro, kuch to zikr karo tum uski qayamat baahon ka,
Woh jo simat’te honge unmein — woh to mar jaate honge.
मुझे अब तुमसे डर लगने लगा है,
तुम्हें मुझसे मोहब्बत हो गई क्या?
Mujhe ab tumse darr lagne laga hai,
Tumhe mujhse mohabbat ho gayi kya?
न करो बहस हार जाओगी,
हुस्न इतनी बड़ी दलील नहीं..!!
Na karo behas, haar jaaogi,
Husn itni badi daleel nahin..!!
उस के होंटों पे रख के होंट अपने,
बात ही हम तमाम कर रहे हैं।
Us ke honton pe rakh ke hont apne,
Baat hi hum tamaam kar rahe hain.
दास्तान ख़त्म होने वाली है,
तुम मेरी आख़िरी मोहब्बत हो।
Daastan khatm hone wali hai,
Tum meri aakhiri mohabbat ho.
Jaun Elia Shayari in English
Is gali ne yeh sunkar sabr kiya,
Jaane wale yahan ke the hi nahin.
Aur kya tha bechne ke liye,
Apni aankhon ke khwaab beche hain.
Dekh lo main kya kamaal kar gaya hoon,
Zinda bhi hoon aur intaqaal kar gaya hoon.
Tum pe marne se kahin behtar tha,
Hum kisi haadse mein mar jaate.
Khamoshi keh rahi hai kaan mein kya,
Aa raha hai mere gumaan mein kya.
Meri baahon mein behakne ki saza bhi sun le,
Ab bahut der mein azaad karunga tujh ko.
Hain daleelen tere khilaaf magar,
Sochta hoon teri himayat mein.
Two Line Jaun Elia Shayari
अब सँवारते रहो भले ही मेरी,
दिल ने सरकार, खुदकुशी कर ली।
Ab sanwaarte raho bhala hi meri,
Dil ne Sarkar, khudkushi kar li.
अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं,
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या?
Ab meri koi zindagi hi nahin,
Ab bhi tum meri zindagi ho kya?
मैं शिद्दत-ए-ग़म से आजिज़ आकर,
हँसने लगूँ तो पूछियो मत।
Main shiddat-e-gham se aajiz aakar,
Hansne lagoon to poochhiyo mat.
यह मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता?
क्या एक ही शख़्स था जहान में?
Yeh mujhe chain kyon nahin padta?
Kya ek hi shakhs tha jahaan mein?
कौन कहता है उम्र भर निभाह कीजिए,
बस आइए, बैठिए, फ़ना कीजिए, तबाह कीजिए।
Kaun kehta hai umr bhar nibah kijiye,
Bas aaiye, baithiye, fana kijiye, tabaah kijiye.
शौक़ है इस दिल दरिंदा को,
आप के होंठ काट खाने का।
Shoq hai is dil darinda ko,
Aap ke hoth kaat khane ka.
Gazal # 1
उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्या,
दाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या।
मेरी हर बात बेअसर ही रही,
नुक़्स है कुछ मेरे बयान में क्या।
मुझ को तो कोई टोकता भी नहीं,
यही होता है ख़ानदान में क्या।
अपनी महरूमियाँ छुपाते हैं,
हम ग़रीबों की आन-बान में क्या।
ख़ुद को जाना जुदा ज़माने से,
आ गया था मेरे गुमान में क्या।
शाम ही से दुकान-ए-दीद है बंद,
नहीं नुक़सान तक दुकान में क्या।
ऐ मेरे सुबह-ओ-शाम-ए-दिल की शफ़क़,
तू नहाती है अब भी बान में क्या।
बोलते क्यों नहीं मेरे हक़ में,
आबले पड़ गए ज़बान में क्या।
ख़ामोशी कह रही है कान में क्या,
आ रहा है मेरे गुमान में क्या।
दिल की आती हैं जिस को ध्यान बहुत,
ख़ुद भी आता है अपने ध्यान में क्या।
वो मिले तो ये पूछना है मुझे,
अब भी हूँ मैं तेरी अमान में क्या।
यूँ जो तकता है आसमान को तू,
कोई रहता है आसमान में क्या।
है नसीम-ए-बहार गर्द-आलूद,
ख़ाक उड़ती है उस मकान में क्या।
ये मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता,
एक ही शख़्स था जहान में क्या।
Gazal # 2
एक हुनर है जो कर गया हूँ मैं,
सब के दिल से उतर गया हूँ मैं।
कैसे अपनी हँसी को ज़ब्त करूँ,
सुन रहा हूँ कि घर गया हूँ मैं।
क्या बताऊँ कि मर नहीं पाता,
जीते-जी जब से मर गया हूँ मैं।
अब है बस अपना सामना दरपेश,
हर किसी से गुजर गया हूँ मैं।
वही नाज़-ओ-अदा, वही ग़म्ज़े,
सर-ब-सर आप पर गया हूँ मैं।
अजब इल्ज़ाम हूँ ज़माने का,
कि यहाँ सब के सर गया हूँ मैं।
कभी ख़ुद तक पहुँच नहीं पाया,
जब कि वहाँ उम्र भर गया हूँ मैं।
तुम से जाना मिला हूँ जिस दिन से,
बेतरह ख़ुद से डर गया हूँ मैं।
कू-ए-जाना में सोग बरपा है,
कि अचानक सुधर गया हूँ मैं।
Gazal # 3
ज़ब्त कर के हँसी को भूल गया
मैं तो उस ज़ख़्म ही को भूल गया
ज़ात-दर-ज़ात हम-सफ़र रह कर
अजनबी अजनबी को भूल गया
सुबह तक वजह-ए-जाँ-कनी थी जो बात
मैं उसे शाम ही को भूल गया
अहद-ए-वाबस्तगी गुज़ार के मैं
वजह-ए-वाबस्तगी को भूल गया
सब दलीलें तो मुझ को याद रहीं
बहस क्या थी उसी को भूल गया
क्यों न हो नाज़ इस ज़ेहानत पर
एक मैं हर किसी को भूल गया
सब से पुर-अमन वाक़िआ ये है
आदमी आदमी को भूल गया
क़हक़हा मारते ही दीवाना
हर ग़म-ए-ज़िंदगी को भूल गया
ख़्वाब-हा-ख़्वाब जिस को चाहा था
रंग-हा-रंग उसी को भूल गया
क्या क़यामत हुई अगर एक शख़्स
अपनी ख़ुश-क़िस्मती को भूल गया
सोच कर उस की ख़लवत-अंजुमनी
वहाँ मैं अपनी कमी को भूल गया
सब बुरे मुझ को याद रहते हैं
जो भला था उसी को भूल गया
उन से वादा तो कर लिया लेकिन
अपनी कम-फुर्सती को भूल गया
बस्तियों अब तो रास्ता दे दो
अब तो मैं उस गली को भूल गया
उस ने गोया मुझी को याद रखा
मैं भी गोया उसी को भूल गया
यानी तुम वो हो वाक़ई? हद है
मैं तो सच-मुच सभी को भूल गया
आख़िरी बुत ख़ुदा न क्यूँ ठहरे
बुत-शिकन बुत-ग़री को भूल गया
अब तो हर बात याद रहती है
ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया
उस की ख़ुशियों से जलने वाला ‘जौन’
अपनी ईज़ा-दही को भूल गया
Jaun Elia’s Lifestyle and Circumstances
जौन एलिया का जीवन उनके शब्दों की तरह ही काव्यात्मक था। उनके अनुभवों ने उनकी शायरी को आकार दिया, जिससे यह गहरी भावनात्मक और प्रासंगिक बन गई। यहाँ उनकी जीवनशैली और परिस्थितियों के बारे में कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
- एक विद्वान मन: जौन दर्शन, साहित्य और धर्म में पारंगत थे, जो उनकी विचारोत्तेजक कविताओं में झलकता है।
- भावनात्मक संघर्ष: उन्होंने व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना किया, जिसमें दिल टूटना और वित्तीय कठिनाइयाँ शामिल थीं, जिसने उनकी जौन एलिया सैड शायरी हिंदी में गहराई ला दी।
- बोहेमियन जीवनशैली: जौन एक साधारण, अपरंपरागत जीवन जीते थे, अक्सर अपने विचारों और कविताओं में खोए रहते थे।
- पाकिस्तान में प्रवास: 1957 में कराची जाने के बाद, उन्होंने बसने के लिए संघर्ष किया लेकिन उर्दू शायरी में अपनी आवाज़ पाई।
- लेखन के लिए जुनून: चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने हजारों कविताएँ लिखीं, जो एक स्थायी विरासत छोड़ गईं।
उनके जीवन के उतार-चढ़ाव ने उनकी शायरी को कच्चा, ईमानदार और भावनाओं से भरा बना दिया जो पूरे भारत और उसके बाहर के पाठकों के साथ गूंजती हैं।
Why I Like “Jaun Elia Shayari”
मुझे जौन एलिया शायरी इसलिए पसंद है क्योंकि यह किसी करीबी दोस्त से बातचीत जैसा लगता है। उनके शब्द सरल लेकिन शक्तिशाली हैं, जो दिल टूटने के दर्द और प्यार की खुशी को बयां करते हैं। जब मैं जौन एलिया सैड शायरी पढ़ता हूं, तो मुझे लगता है कि मैं समझ गया हूं, जैसे कि वह मेरे विचार बोल रहे हों।
उनकी जौन एलिया लव शायरी मुझे अपनी भावनाओं को गले लगाने के लिए प्रेरित करती है, चाहे वह खुशी हो या दुख। उनकी कविता एक कठिन दिन पर एक गर्मजोशी भरे आलिंगन की तरह है, जो मुझे याद दिलाती है कि मैं अपनी भावनाओं में अकेला नहीं हूं। इसलिए मैं अपने ब्लॉग पर उनकी शायरी साझा करता हूं – आपसे जुड़ने और उनके शब्दों की सुंदरता को फैलाने के लिए।
Frequently Asked Question
My Last Words
Jaun Elia Shayari उन सभी लोगों के लिए एक खजाना है जो कविता से प्यार करते हैं। उनके शब्द जीवन की सुंदरता और दर्द को इस तरह से व्यक्त करते हैं कि यह व्यक्तिगत और सार्वभौमिक लगता है। जौन एलिया लव शायरी से लेकर जौन एलिया सैड शायरी तक, उनकी कविताएँ आपके दिल की बात कहती हैं।
मुझे उम्मीद है कि Shayarist.in पर साझा किया गया यह लेख आपको उनकी शायरी को जानने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए इसका उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा। आइए इसे दूसरों के साथ साझा करके जौन एलिया की शायरी के जादू को जीवित रखें। कौन सी शायरी ने आपके दिल को सबसे ज़्यादा छुआ? इसे अपने जीवन में इस्तेमाल करके देखें और अंतर महसूस करें।
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